

ट्रेडिंग लाभप्रद हो सकती है परंतु इसके साथ जोखिम भी जुड़े होते हैं। वित्तीय घाटे से बचने के लिए मंदड़िया जाल को समझना और इससे बचना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। मंदड़िया जालों को समझना और इनसे बचाव करना वित्तीय घाटे से बचने के लिए अति महत्त्वपूर्ण है। मंदड़िया जाल किसी शेयर या एसेट की कीमत में गिरावट का रुझान दिखाई देने पर घटित होता है, जिससे ट्रेडरों को इस बात पर विश्वास हो जाता है कि यह समय उस एसेट को बेचने का शानदार मौका है। लेकिन, कीमत गिरते रहने की बजाय अचानक उलट कर बढ़ जाती है। इस लेख में हम ट्रेडिंग में मंदड़िया जाल को पहचानने और उससे बचाव करने पर विशेष ध्यान देंगे।
मंदड़िया जाल की व्याख्या
मंदड़िया जाल तब घटित होता है जब कीमतों का बढ़ता रुझान अचानक रुक जाता है और उनमें अल्पकालिक गिरावट शुरू हो जाती है। गिरावट का यह दौर तेज़ी से बाज़ार में उलटफेर को जन्म देता है, जिसके बाद क़ीमतों में मज़बूत तेज़ी आती है। यह चीज़ ट्रेडरों के लिए अनपेक्षित हो सकती है।
यह जाल उन संस्थानों द्वारा बिछाया जाता है जो मांग में तेज़ी पैदा करने के लिए जानबूझकर किसी शेयर की कीमत को कम करते हैं और अंततः कीमत बढ़ा देते हैं। यह चीज़ केवल शेयर तक ही सीमित नहीं है और इसे बॉन्ड, मुद्राओं, क्रिप्टोकरेंसी, CFDs और फ्यूचर्स ट्रेडिंग में भी देखा जा सकता है।
नोट! मंदड़िया जाल अचानक घटने वाला गिरावट का रुझान है जो लंबी अवधि की तेज़ी के बाद होता है; इसके बाद तुरंत और तेज़ी से शेयर की कीमतोंमें उछाल आता है। मंदड़िया जाल आमतौर पर मज़बूत रुझान दिखाने वाले शेयरों में होता है।
मंदड़िया जाल कैसे काम करता है?
आमतौर पर ट्रेडरों को मंदी वाले बाज़ार की पहचान दो महीनों में किसी शेयर की कीमतों या सूचकांक में सर्वकालिक उच्च स्तर से लगभग 20% या उससे अधिक की गिरावट देखने से पता चल जाती है। नए ट्रेडरों की आसानी से मंदड़िया बाज़ार के जाल में फंसने की संभावना होती है।
वहीं दूसरी ओर, अनुभवी ट्रेडर गिरती हुई कीमतों का फायदा उठाकर शेयर खरीदते हैं। वे ऐसी स्थिति पैदा करते हैं, जिसमें खरीदार बेचने वालों को लुभाने के लिए अपनी बिड ऊंची कर देते हैं। परिणामस्वरूप, यह बढ़ी हुई मांग बिक्री का दबाव पैदा करती है और बाज़ार में चल रही तेज़ी के रुझान में बाधा डालती है। इस स्थिति को मंदड़िया जाल कहा जाता है।
मंदड़िया जाल में अनुभवी ट्रेडर नए शेयरधारकों को अपने ऐसेट कम कीमतों पर बेचने के जाल में फंसाते हैं। वे बाज़ार की स्थिति खराब होने की गलत धारणा को जन्म देते हैं, जिससे नए ट्रेडर घबरा जाते हैं।
कम मात्रा में ट्रेडिंग होना मंदड़िया जाल का स्पष्ट सूचक है। समझदार निवेशक अनुभवहीन ट्रेडरों से ऐसेट खरीदकर और बाज़ार में तेज़ी आने पर उन्हें बेचकर इस जाल से फायदा उठाते हैं। अनुभवहीन लोगों को फंसाना उनके लिए फायदे का अवसर बन जाता है।
उदाहरण
6 अगस्त, 2019 को एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग ऑपरेटर बोनिटास रिसर्च ने कृषि निवेश फर्म रूरल फंड्स ग्रुप के बारे में भ्रामक ट्वीट कर उस पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। इससे रूरल फंड्स के शेयरों की कीमतों में 42% तक की भारी गिरावट आ गई और दीर्घकालिक शेयरधारकों में घबराहट का माहौल बन गया। इसके प्रत्युत्तर में कुछ शेयरधारकों ने इस गिरावट को तर्कसंगत मानते हुए डर के कारण अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच दी।
लेकिन रूरल फंड्स ने न्यू साउथ वेल्स सुप्रीम कोर्ट में बोनिटास रिसर्च के खिलाफ दायर किए गए अपने केस में जीत हासिल कर ली। परिणामस्वरूप, कंपनी के शेयरों की कीमतों ने पहले वाले स्तर फिर से छुए और नई ऊंचाई पर पहुंच गईं, लेकिन दुर्भाग्य से, इस धोखाधड़ी के कारण इसके शेयरधारकों को काफी नुकसान हुआ।
मंदड़िया जाल से कैसे बचें?
मंदड़िया बाज़ार हमेशा बुरा नहीं होता है। ट्रेडर, विशेष रूप से नए ट्रेडर, कई तरीके अपनाकर अपने आप को फंसने से बचा सकते हैं।
शॉर्ट सेलिंग न करें
ट्रेडिंग में शॉर्ट सेलिंग करना जोखिम भरा काम है और इसके कारण बड़ा नुकसान हो सकता है। मंदड़िया जाल के दौरान ऐसा करने से बचें। लेकिन यदि आप इसके बावजूद शार्ट सेलिंग करना चाहते हैं तो आपको अपनी पोज़ीशन पर होने वाले संभावित नुकसान को सीमित रखने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर का प्रयोग करना चाहिए।
रुझान का विश्लेषण करें
मंदड़िया जाल ट्रेडिंग का ऐसा रुझान है, जिसमें अचानक अस्थायी तौर पर गिरावट होती है। इस रुझान से अक्सर ट्रेडरों को डर लगता है, जिससे उन्हें विश्वास हो जाता है कि गिरावट का यह रुझान जारी रहेगा। इसके परिणामस्वरूप वे ऐसेट की कीमतों में और गिरावट होने के डर से अपनी शॉर्ट पोज़ीशन बेचना शुरू कर देते हैं।
लेकिन बाज़ार अक्सर पलटी मार जाता है, जिससे ये ट्रेडर हैरान रह जाते हैं। इस जाल में फंसने से बचाव करने के लिए ट्रेडर तकनीकी विश्लेषण और विभिन्न ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करते हैं। इन टूल्स में बाज़ार के संकेतक, फिबोनैचि रिट्रेसमेंट, वॉल्यूम इंडिकेटर और अन्य बहुत सी चीज़ें शामिल हैं। मंदड़िया जाल पैदा होने की संभावना का अंदाज़ा लगाकर नए ट्रेडर ऐसी स्थितियों में फंसने से बच सकते हैं।
समझदारी से निवेश करें
नए ट्रेडरों को बाज़ार की मुश्किल स्थितियों में सफल बने रहने के इतिहास वाली बड़ी कंपनियों के शेयरों में या फिर छोटे अनुपात में निवेश करना चाहिए। ऐसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट का रुझान लंबे समय तक जारी रहने के बावजूद भी इनके शेयरों की कीमतों में गिरावट होने से बचने की अधिक संभावना होती है। इन एसेट्स में निवेश कर आप इस जाल में फंसने से बचने में मदद पा सकते हैं।
अवसरों का फायदा उठाएं
मंदड़िया बाज़ार में एसेट्स की कीमतों में दीर्घकालिक गिरावट आती है। यह स्थिति निवेशकों के लिए कम कीमतों पर शेयर खरीदने और शेयर बाज़ार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का मौक़ा होती है। अधिकाधिक संख्या में एसेट्स के स्वामी बनकर ट्रेडर बाद में उन्हें बेच सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
ट्रेडिंग में मंदड़िया जाल को समझने के लिए नए ट्रेडरों द्वारा पूछे जाने वाले सर्वाधिक लोकप्रिय प्रश्नों के निम्नांकित उत्तरों को देखें।
मंदड़िया जाल क्या होता है?
मंदड़िया जाल मंदी की ऐसी स्थिति है, जिसमें ट्रेड का पैटर्न तेज़ी के रुझान के बाद दीर्घकालिक गिरावट का भ्रामक संकेत देता है। लेकिन बाज़ार जल्दी ही पलटी मारता है और शॉर्ट-सेलर्स को जाल में फंसा देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बिक्री और खरीद के दबाव में असंतुलन होता है और खरीदारी का दबाव अधिक मज़बूत होता है।
इसे “जाल” क्यों कहा जाता है?
कुछ संस्थान दीर्घकालिक गिरावट पैदा होने की गलत धारणा फैलाने के लिए शेयर की कीमतों में हेरफेर करते हैं। इससे नए ट्रेडर घबरा कर कम कीमत पर शार्ट सेलिंग करते हैं। परिणामस्वरूप ये लोग अनुभवी ट्रेडरों द्वारा बिछाए गए जाल में फंस जाते हैं।
तेजड़िया जाल यानी बुल ट्रैप और मंदड़िया जाल में क्या अंतर होता है?
जैसा कि हमने जाना, मंदड़िया जाल बाज़ार में दिखने वाले तेज़ रुझान का भ्रामक उलटा रुझान होता है। यह रुझान नए ट्रेडरों को अपना निवेश कम कीमतों पर बेचने की दिशा में भ्रमित कर सकता है।
मंदड़िया जाल यानी बुल ट्रैप एक ट्रेडिंग पैटर्न है जो बाज़ार में किसी शेयर की कीमत में अस्थायी और अचानक गिरावट का संकेत देता है।
निष्कर्ष
ट्रेडिंग में मंदड़िया जाल बाज़ार की ऐसी भ्रामक स्थिति होती है, जिसमें मंदी के रुझान के पलटने का गलत संकेत मिलता है, जिससे ट्रेडर मंदी के बाज़ार की भावना के अनुरूप पोज़ीशन लेने को मजबूर हो जाते हैं। लेकिन अपेक्षित गिरावट होने के बजाय बाज़ार अचानक पलटी मारकर विपरीत दिशा में चला जाता है, जिससे गिरावट की संभावना पर दांव लगाने वाले लोग फंस जाते हैं। इससे काफी नुकसान हो सकता है। यह बात ट्रेडिंग की बदलती दुनिया में गहन विश्लेषण, जोखिम प्रबंधन और सतर्क रहने के महत्व को रेखांकित करती है।